अगर आप हाईवे पर गाड़ी चलाते हैं और हर बार टोल प्लाजा पर FASTag से पेमेंट करते हैं, तो अब आपके लिए जरूरी खबर है। सरकार ने FASTag को धीरे-धीरे बंद करने का फैसला किया है और उसकी जगह एक नया GPS आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लाया जा रहा है जिसे GNSS (Global Navigation Satellite System) कहते हैं। आइए इस बदलाव को आसान भाषा में समझते हैं।
FASTag की जगह अब आएगा GNSS सिस्टम
सरकार ने साफ कर दिया है कि अब देशभर में FASTag की जगह GNSS आधारित टोल वसूली शुरू की जाएगी। यह फैसला केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में लिया है और बताया है कि यह सिस्टम 2025 की पहली तिमाही में लागू हो जाएगा।
GNSS टोल सिस्टम क्या होता है
GNSS यानी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम एक हाईटेक तरीका है जिसमें आपकी गाड़ी में एक OBU (On-Board Unit) डिवाइस लगाई जाएगी। यह डिवाइस आपकी गाड़ी की लोकेशन को सैटेलाइट के ज़रिए ट्रैक करेगी। जैसे-जैसे आप हाईवे पर सफर करेंगे, उसी दूरी के हिसाब से आपके खाते से टोल टैक्स कट जाएगा।
नया सिस्टम कैसे करेगा काम
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OBU डिवाइस: यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो आपकी गाड़ी में लगाई जाएगी
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सैटेलाइट ट्रैकिंग: आपकी यात्रा की शुरुआत और अंत GPS से ट्रैक होगी
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ऑटोमैटिक पेमेंट: जितना सफर, उतना टोल — बिलिंग सीधे बैंक खाते या वॉलेट से होगी
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कोई टोल बूथ नहीं: अब टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा, न ही स्कैन की जरूरत होगी
FASTag और GNSS में क्या फर्क है
फीचर | FASTag | GNSS |
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तकनीक | RFID आधारित | सैटेलाइट आधारित |
टोल कटौती | टोल बूथ पर स्कैन से | दूरी के अनुसार ऑटोमैटिक |
रुकावट | कुछ हद तक | बिल्कुल नहीं |
बिलिंग | फिक्स टोल | किलोमीटर आधारित |
डिवाइस | विंडशील्ड पर स्टीकर | गाड़ी में OBU डिवाइस |
इस बदलाव से क्या फायदे होंगे
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टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी
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जितना सफर करेंगे, उतना ही टोल देंगे
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टोल वसूली में पारदर्शिता बढ़ेगी
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ईंधन की बचत और कम प्रदूषण
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पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी जिससे भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी
क्या कोई परेशानी भी हो सकती है
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शुरुआत में OBU डिवाइस खरीदनी पड़ सकती है
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पुरानी गाड़ियों में इसे लगाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है
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नेटवर्क की खराबी से ट्रैकिंग में समस्या आ सकती है
अभी FASTag पूरी तरह बंद हुआ है क्या
नहीं, फिलहाल FASTag सिस्टम चालू है, लेकिन सरकार इसे धीरे-धीरे खत्म करने की प्रक्रिया में है। GNSS सिस्टम को लागू करने की तैयारी सभी राज्यों में की जा रही है।
GNSS सिस्टम कब से लागू होगा
सरकार की योजना है कि GNSS आधारित टोल सिस्टम को अप्रैल या मई 2025 तक शुरू कर दिया जाएगा। पहले यह सिस्टम कुछ चुनिंदा रूट्स पर लागू होगा और फिर पूरे देश में फैलाया जाएगा।
आपको क्या करना चाहिए
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अपनी गाड़ी के लिए OBU डिवाइस के रजिस्ट्रेशन की जानकारी लें
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वाहन का KYC और बैंक खाता अपडेट रखें
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मोबाइल नंबर और डिजिटल वॉलेट चालू स्थिति में रखें
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परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से समय-समय पर अपडेट लेते रहें
निष्कर्ष
GNSS आधारित टोल वसूली प्रणाली भारत में डिजिटल ट्रांसपोर्ट सिस्टम की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल ड्राइवरों को सुविधा होगी बल्कि समय, ईंधन और पैसे की भी बचत होगी। सरकार का यह प्रयास अगर सही तरीके से लागू होता है, तो यह देश की सड़कों को और भी स्मार्ट और ट्रैफिक-फ्री बना सकता है।
अब समय आ गया है कि FASTag से आगे बढ़कर GPS आधारित तकनीक को अपनाया जाए। तैयार रहें इस बदलाव के लिए, क्योंकि यही भविष्य है।